चलिए जानते हैं विटामिन B के बारे में | विटामिन B के बारे में जानकारी

नमस्ते 

प्रस्तावना 

नमस्ते आज इस लेख के जरिये में आपको विटामिन B के बारे में बतायुंग। उम्मीद करता हु आपको लेख पसंद आएगा। 


चलिए जानते हैं विटामिन B के बारे में | विटामिन B के बारे में जानकारी

चलिए जानते हैं विटामिन B के बारे में | विटामिन B के बारे में जानकारी

विषय सूची:

  1. विटामिन B क्या है?
  2. कितने प्रकार के विटामिन B है?
  3. विटामिन B के फायदे: B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9, B12
  4. विटामिन B की कमी से क्या होता है: B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9, B12
  5. विटामिन B युक्त खाद्य: B1, B2, B3, B5, B6, B7, B9, B12
  6. निष्कर्ष


विटामिन B क्या है?

विटामिन B एक Water Soluble विटामिन है। यह विटामिन पानी में घुलनशील होने के कारण, रक्तप्रवाह के ज़रिए शरीर में पहुंचते हैं और पेशाब के ज़रिए बाहर निकल जाते हैं।

विटामिन B, विटामिनों का एक समूह है जो हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। ये विटामिन कई प्रकार के होते हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने, कोशिकाओं को स्वस्थ रखने और कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को करने में मदद करते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि B विटामिन कई तरीकों से लीवर के कार्य को लाभ पहुंचा सकते हैं, जिसमें लीवर की सूजन शामिल है। विटामिन B12 और B9 (फोलिक एसिड) सहित कई B विटामिन फैटी लीवर रोग वाले लोगों में लीवर के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। 


कितने प्रकार के विटामिन B है?

विटामिन B समूह में कई प्रकार के विटामिन होते हैं। इसलिए इसे विटामिन B Complex कहा जाता है। कुल 8 प्रकार के विटामिन B होते है।

  • विटामिन B1 (थायमिन), 
  • विटामिन B2 (रिबोफ्लेविन), 
  • विटामिन B3 (नियासिन), 
  • विटामिन B5 (पैंटोथेनिक एसिड), 
  • विटामिन B6 (पाइरिडॉक्सिन), 
  • विटामिन B7 (बायोटिन), 
  • विटामिन B9 (फोलेट) और 
  • विटामिन B12 (कोबालामिन)।

इन विटामिन को अलग अलग नाम से भी जाना जाता है जैसे विटामिन B1 को थायमिन, विटामिन B2 को रिबोफ्लेविन, विटामिन B3 को नियासिन, विटामिन B5 को पैंटोथेनिक एसिड, विटामिन B6 को पाइरिडॉक्सिन, विटामिन B7 को बायोटिन, विटामिन B9 को फोलेट और विटामिन B12 को कोबालामिन भी जाना जाता है। 


विटामिन B के फायदे

विटामिन B हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरुरी है। इसके मुख्या फायदे कुछ इस प्रकार के है: 

  • विटामिन B कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा (Fats) को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है।
  • यह तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है और मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाने में भी भूमिका निभाता है।
  • विटामिन B रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
  • विटामिन B, हृदय और मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है। 
  • यह त्वचा और बालों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। 
  • विटामिन B पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।
  • यह इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।

यह तो विटामिन B के मुख्या फायदे थे। लेकिन हम जानते है की विटामिन B कुल 8 प्रकार के होते है। इसलिए इन 8 प्रकार के विटामिनो के फायदे भी अलग अलग होते है। 

इन विटामिन के फायदे कुछ इस प्रकार के है:

विटामिन B1 (थायमिन)

विटामिन B1 के फायदे

  • ऊर्जा उत्पादन: विटामिन B1 कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है, जिस के फलस्वरूप हमें दिनभर का काम करने के लिए जरुरी ऊर्जा मिलता है।
  • तंत्रिका तंत्र का स्वास्थ्य: विटामिन B1 तंत्रिका कोशिकाओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। इसकी कमी से तंत्रिका तंत्र की समस्याएं जैसे कि बेरीबेरी हो सकता हैं।
  • पाचन: विटामिन B1 पाचन एंजाइमों की सक्रियता में सहायता करता है, जिससे भोजन का पाचन बेहतर होता है।
  • हृदय स्वास्थ्य: विटामिन B1 हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। यह रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय की धड़कन को नियमित करने में सहायता करता है।
  • मस्तिष्क स्वास्थ्य: विटामिन B1 मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। यह याददाश्त, एकाग्रता और संज्ञानात्मक कार्य को बढ़ावा देता है।


विटामिन B1 की कमी से क्या होता है?

विटामिन B1 की कमी से शरीर में कई समस्यां हो सकता है। जैसे: 

  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं: विटामिन B1 की कमी से पैरों में झनझनाहट, कमजोरी, दर्द और चलने में कठिनाई हो सकता है। गंभीर मामलों में बेरीबेरी जैसी बीमारी हो भी सकता है।
  • थकान और कमजोरी: शरीर को ऊर्जा मिलने में कठिनाई होने के कारण व्यक्ति हमेशा थका हुआ और कमजोर महसूस करता है।
  • भूख न लगना और वजन कम होना: शरीर को ऊर्जा नहीं मिलने के कारण भूख कम लगती है और वजन कम होने लगता है।
  • पाचन संबंधी समस्याएं: कब्ज, दस्त या अपच जैसी समस्याएं हो सकता हैं।
  • हृदय संबंधी समस्याएं: दिल की धड़कन अनियमित हो सकता है और दिल की मांसपेशियां कमजोर हो सकता हैं।
  • मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: चिड़चिड़ापन, अवसाद, भ्रम और स्मृति लोप जैसी समस्याएं हो सकती हैं।


विटामिन B1 के अच्छे स्रोत

विटामिन B1 साबुत अनाज, ब्राउन राइस, मेवे, फलियां, सूखा खमीर, बादाम, अखरोट, काजू , साबुत गेहूं, आलू, काला चना, राजमा, पत्तेदार शाक, सोया दूध, दही, मूंग दाल, सैमन मछली, टूना मछली, अंडे, मांस, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी आदि में पाया जाता है।


विटामिन B2 (रिबोफ्लेविन)

विटामिन B2 के फायदे

  • विटामिन B2 लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। 
  • विटामिन B2 मेटाबॉलिज़्म को ठीक रखने में मदद करता है। यह शरीर को कार्बोहाइड्रेट, वसा, और प्रोटीन को चयापचय (metabolize) करने में मदद करता है। 
  • ऊर्जा उत्पादन में इसकी भूमिका के कारण, यह थकान को कम करने और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।
  • विटामिन B2 नए कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, जिससे शरीर की वृद्धि और विकास होता है।
  • यह क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत में भी मदद करता है।
  • विटामिन B2 त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है और मुंहासों जैसी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
  • यह बालों को मजबूत और चमकदार बनाने में मदद करता है।
  • विटामिन B2 नाखूनों को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है।
  • कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन B2 मोतियाबिंद जो की एक आँखों की बीमारी है उसके खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
  • यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने में भी मदद कर सकता है।
  • विटामिन B2 तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • यह माइग्रेन के सिरदर्द को रोकने में मदद कर सकता है।
  • यह शरीर को विटामिन बी6 और B9 (फोलेट) को उपयोग करने के लिए तैयार करने में मदद करता है।
  • यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
  • यह हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद कर सकता है।


विटामिन B2 की कमी से क्या होता है?

  • मुंह के कोनों और होंठों पर दर्द देने वाली दरारें हो सकता हैं। 
  • भूख न लगना, पाचन में समस्या और मुंह के अंदर छाले हो सकते हैं।
  • थकान और कमज़ोरी हो सकता है। 
  • मुंह और जीभ मैजेंटा रंग का हो सकता है। 
  • शरीर का रंग पीला हो सकता है।  
  • सिर पर पपड़ीदार (सेबोरिक) पैच बन सकते हैं। 
  • गले में खराश और श्लेष्म झिल्ली की सूजन हो सकती है. 
  • त्वचाशोथ (dermatitis) हो सकता है। 
  • आंखें प्रकाश के प्रति संवेदनशील हो सकती हैं। 
  • धुंधली दृष्टि हो सकती है। 
  • गंभीर मामलों में, एक प्रकार का एनीमिया विकसित हो सकता है।


विटामिन B2 के अच्छे स्रोत

विटामिन B2 दूध और दूध उत्पाद सामग्री, दही, पनीर, फलियां, पालक, मेथी, गेहूं, जौ, मशरूम, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, अंडे, चिकन आदि में पाए जाते है।


विटामिन B3 (नियासिन)

विटामिन B3 के फायदे

  • त्वचा को स्वस्थ रखता है: विटामिन B3 त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है और मुंहासों जैसी समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है।
  • त्वचा की उम्र बढ़ने को धीमा करता है: यह त्वचा की उम्र बढ़ने को धीमा करने में भी मदद कर सकता है।
  • रक्तचाप को कम कर सकता हैं: नियासिन हमारे रक्त वाहिकाओं (blood vessels) को चौड़ा करने में मदद करता हैं जिससे रक्त प्रवाह में सुधार और रक्तचाप कम होता है। 
  • यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। 
  • गठिया को कम कर सकता है। 
  • मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाता है: विटामिन B3 मस्तिष्क के कार्य को बेहतर बनाने में मदद करता है, जैसे कि याददाश्त और एकाग्रता।
  • पाचन में सुधार करता है: यह पाचन में सुधार करने में मदद करता है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है: यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।


विटामिन B3 की कमी से क्या होता है?

  • पेलाग्रा: विटामिन B3 की गंभीर कमी से पेलाग्रा नामक बीमारी हो सकती है। पेलाग्रा में त्वचा पर फटी-पपड़ी, मनोभ्रंश (dementia), और दस्त जैसे लक्षण दिखते हैं। 
  • इसकी  कमी से याददाश्त कमज़ोर हो सकता है। 
  • विटामिन बी3 की कमी से डिप्रेशन, सिरदर्द, थकान, और मतिभ्रम जैसी समस्याएं हो सकता हैं,
  • विटामिन बी3 की कमी से मुंह में जलन और सूजी हुई, चमकदार लाल जीभ भी हो सकती है
  • इसकी कमी से मुँह के अंदर छाले हो सकते है। 
  • पाचन संबंधी समस्याएं: भूख न लगना, मतली, उल्टी और दस्त हो सकता है,
  • त्वचा संबंधी समस्याएं: त्वचा का सूखा होना, फटना और खुजली आदि समस्या हो सकता है।


विटामिन B3 के अच्छे स्रोत

विटामिन B3 दूध, मूंगफली, बादाम, आम, एवोकाडो, फलियां, गेहूं, आलू, मूंग दाल, चना, टमाटर, हरी मटर, ब्रोकली, पालक, मशरूम, चिकन, अंडे आदि में पाया जाता है। 


विटामिन B5 (पैंटोथैनिक एसिड)

विटामिन B5 को पैंटोथेनिक एसिड और कैल्शियम पैंटोथेनेट के नाम से भी जाना जाता है।

विटामिन B5 के फायदे

  • ऊर्जा उत्पादन: विटामिन B5 कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। 
  • त्वचा का स्वास्थ्य: विटामिन B5 त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करता है और त्वचा को नमी प्रदान करता है। यह एक्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा की समस्याओं को कम करने में भी मदद कर सकता है।
  • बालों का स्वास्थ्य: विटामिन B5 बालों को मजबूत और चमकदार बनाने में मदद करता है। यह बालों के झड़ने को कम करने में भी मदद कर सकता है।
  • तनाव कम करना: विटामिन B5 तनाव को कम करने और मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
  • हृदय स्वास्थ्य: विटामिन B5 हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। यह खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
  • पाचन तंत्र: विटामिन B5 पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली: यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाकर संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।


विटामिन B5 की कमी से क्या होता है?

  • थकान और कमजोरी: विटामिन B5 की कमी से लगातार थका हुआ महसूस हो सकता है और कमजोरी आ सकती है। 
  • अनिद्रा: नींद न आना या नींद पूरी न होना।
  • अवसाद: उदास महसूस करना और चिड़चिड़ा होना।
  • पाचन संबंधी समस्याएं: भूख न लगना, मतली, उल्टी और पेट दर्द।
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं: हाथ-पैरों में जलन महसूस होना।
  • विटामिन B5 की कमी से शरीर में नसें बेजान हो सकती हैं।
  • सिरदर्द: बार-बार सिरदर्द होना।
  • त्वचा संबंधी समस्याएं: त्वचा का सूखा होना, खुजली और लाल होना।
  • बालों का झड़ना: बालों का अधिक मात्रा में झड़ना।
  • संक्रमण का खतरा बढ़ना: प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • मांसपेशियों में दर्द, चक्कर आना, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना आदि विटामिन B5 की कमी से हो सकता है।


विटामिन B5 के अच्छे स्रोत

विटामिन B5 दूध, दही, ब्राउन राइस, ओट्स, साबुत गेहूं, Legume,मटर, सोयाबीन, एवोकाडो, केला, फूलगोभी, ब्रोकोली, शकरकंद, आलू, सूरजमुखी के बीज, मूंगफली, आदि में पाया जाता है।


विटामिन B6 (पाइरिडॉक्सिन)

विटामिन B6 के फायदे

  • मस्तिष्क का स्वास्थ्य: विटामिन B6 न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन में मदद करता है, जो मस्तिष्क में संदेशवाहक होते हैं। यह मूड स्विंग, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद कर सकता है।
  • हृदय स्वास्थ्य: यह हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है, क्योंकि यह होमोसिस्टीन के स्तर को कम करता है, जो कि हृदय रोगों का एक जोखिम का कारक है। 
  • इम्यून सिस्टम: विटामिन B6 प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करता है और संक्रमण से लड़ने में सहायता करता है।
  • ऊर्जा उत्पादन: यह शरीर को ऊर्जा बनाने में मदद करता है।
  • त्वचा का स्वास्थ्य: यह त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है और त्वचा की समस्याओं जैसे कि एक्जिमा को कम करने में मदद कर सकता है।
  • गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन B6 बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भ्रूण के विकास में मदद करता है।
  • विटामिन B6 लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
  • विटामिन B6 पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।


विटामिन B6 की कमी से क्या होता है?

  • थकान और कमजोरी: विटामिन B6 ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से लगातार थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं: विटामिन B6 तंत्रिका तंत्र के लिए आवश्यक है। इसकी कमी से झुनझुनाहट, सुन्नता, और तंत्रिका संबंधी अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
  • एनीमिया: विटामिन बी6 की कमी से एनीमिया हो सकता हैं।
  • त्वचा संबंधी समस्याएं: विटामिन B6 त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसकी कमी से त्वचा पर सूजन, खुजली और चकत्ते (rashes) हो सकते हैं।
  • मुंह संबंधी समस्याएं: विटामिन बी6 की कमी से जीभ पर छाले, लालिमा, मुंह के कोनों में दरारें जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • पाचन संबंधी समस्याएं: विटामिन B6 कमी से मतली, उल्टी और भूख न लगना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • मनोदशा में बदलाव: विटामिन B6 मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित करता है। इसकी कमी से चिंता, अवसाद और मूड स्विंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • विटामिन बी6 की कमी से दौरे पड़ सकते हैं।


विटामिन B6 के अच्छे स्रोत

विटामिन B6 केले, आलू, गाजर, पालक, लाल शिमला मिर्च, आलू, शकरकंद, हरी मटर, साबुत गेहूं, तिल के बीज. राजमा, सूखा खमीर, छोले, मूंग दाल, सूर्यमुखी के बीज, सूखा खमीर, बादाम, फ़ोर्टिफ़ाइड अनाज, मछली, अंडे, चिकन आदि में पाया जाता है।


विटामिन B7 (बायोटिन)

विटामिन B7 के फायदे

  • त्वचा, बाल और नाखून का स्वास्थ्य: बायोटिन त्वचा, बाल और नाखून को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  • ऊर्जा उत्पादन: बायोटिन कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है।
  • मधुमेह: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि बायोटिन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  • तंत्रिका तंत्र: यह तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है।
  • हृदय स्वास्थ्य: बायोटिन हृदय स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
  • अमीनो एसिड और फैटी एसिड का चयापचय (metabolism): बायोटिन शरीर में अमीनो एसिड और फैटी एसिड के चयापचय में मदद करता है।
  • गर्भावस्था: गर्भवती महिलाओं के लिए बायोटिन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भ्रूण के विकास में मदद करता है।


विटामिन B7 की कमी से क्या होता है?

  • त्वचा, बाल और नाखून संबंधी समस्याएं: बायोटिन त्वचा, बाल और नाखूनों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसकी कमी से त्वचा पर रैशेज, बालों का झड़ना, नाखून का कमजोर होना या टूटना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं: बायोटिन तंत्रिका तंत्र के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। इसकी कमी से हाथ-पैरों में सुन्नता, झुनझुनाहट या दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • ऊर्जा का स्तर कम होना: बायोटिन शरीर को ऊर्जा देने में मदद करता है। इसकी कमी से लगातार थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
  • पाचन संबंधी समस्याएं: बायोटिन पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से अपच, कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • मांसपेशियों में दर्द: बायोटिन की कमी से मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी भी हो सकती है।
  • इसके अलावा भूख न लगना, अवसाद, चिड़चिड़ापन आदि भी विटामिन B की कमी से हो सकता है।


विटामिन B7 के अच्छे स्रोत

विटामिन B7 एवोकाडो, केला, Raspberry, दूध, दही, पनीर, बादाम, अखरोट, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, मशरूम, फूलगोभी, पालक, ब्रोकली, शकरकंद, साबुत अनाज, ओट्स, ब्राउन राइस, अंडे, मछली, चिकन आदि में पाया जाता है।


विटामिन B9 (फोलेट) 

विटामिन B9 के फायदे

  • शिशु के विकास के लिए: गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन B9 बहुत ही जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान फ़ोलेट की मांग बढ़ जाती है। यह भ्रूण के विकास के लिए ज़रूरी होता है। यह शिशु के मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • रक्त कोशिकाओं का निर्माण: विटामिन B9 शरीर में रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
  • हृदय स्वास्थ्य: यह हृदय रोगों के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।
  • तंत्रिका तंत्र: यह तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • डिप्रेशन: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि विटामिन B9 डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है।
  • त्वचा, बाल और नाखून: इसके अलावा यह त्वचा, बाल और नाखूनों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।


विटामिन B9 की कमी से क्या होता है?

विटामिन B9 यानि फ़ोलेट की कमी से होने वाले समस्या कुछ इस प्रकार के है
  • थकान: लगातार थका हुआ महसूस होना, कमजोरी और सुस्ती।
  • त्वचा संबंधी समस्याएं: त्वचा का पीला पड़ना, मुंह के अंदर छाले, जीभ में सूजन।
  • पाचन संबंधी समस्याएं: भूख न लगना, मतली (nausea)।
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं: हाथ-पैरों में झुनझुनी, चक्कर आना।
  • एनीमिया: शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी।
  • गर्भावस्था में फ़ोलेट की कमी से समय से पहले जन्म, कम वज़न वाले बच्चे, न्यूरल ट्यूब दोष, और स्पाइना बिफ़िडा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा शिशु के मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड के विकास में समस्याएं।


विटामिन B9 के अच्छे स्रोत

विटामिन B9 पालक, मेथी, सरसों, लेट्यूस, मूंग दाल, चना, राजमा, काबुली चना, खट्टे फल जैसे संतरे, नींबू अंगूर, आदि, इसके आलावा गेहूं, जौ, ओट्स, बादाम, काजू, अखरोट ,खमीर, अंडे, आदि में विटामिन B9 पाया जाता है।


विटामिन B12 (कोबालामिन)

विटामिन B12 के फायदे

  • ऊर्जा उत्पादन: विटामिन B12 शरीर में ऊर्जा उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है।
  • रक्त कोशिकाओं का निर्माण: यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। लाल रक्त कोशिकाएं ऑक्सीजन को शरीर के विभिन्न भागों में ले जाती हैं।
  • तंत्रिका तंत्र: यह तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • विटामिन B12, होमोसिस्टीन के स्तर को कम कर सकता है. उच्च होमोसिस्टीन से हृदय रोग, संज्ञानात्मक गिरावट, और अवसाद जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ता है
  • डीएनए संश्लेषण: विटामिन B12 डीएनए के संश्लेषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • मूड: यह मूड को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है और डिप्रेशन के जोखिम को कम कर सकता है।


विटामिन B12 की कमी से क्या होता है?

  • विटामिन बी12 की कमी से शरीर में पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बन पातीं। इससे शरीर के अंगों और ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और शरीर ठीक से काम नहीं कर पाता। इसके अलावा 
  • थकान और कमजोरी: लगातार थका हुआ महसूस होना, कमजोरी और सुस्ती।
  • सिरदर्द: बार-बार सिर दर्द होना।
  • चक्कर आना: अक्सर चक्कर आना।
  • भूलने की बीमारी: याददाश्त कमजोर होना।
  • तंत्रिका संबंधी समस्याएं: हाथ-पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन, चलने में परेशानी। 
  • पाचन संबंधी समस्याएं: भूख न लगना, वजन कम होना, कब्ज या दस्त।
  • पीलापन: त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (एनीमिया का संकेत)।
  • मूड स्विंग्स: विटामिन B12 की कमी से मूड में गड़बड़ी हो सकती है और चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन भी हो सकता है। 
  • विटामिन B12 की कमी से मुंह में समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि जीभ का सूजना, लाल होना, चिकना होना, मुंह में खराब स्वाद, और मुंह में जलन आदि हो सकता है।


विटामिन B12 के अच्छे स्रोत

शाकाहारी लोग जो मांस, अंडे, नहीं खाते हैं, उनमें विटामिन B12 की कमी होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि इन खाद्य पदार्थों में विटामिन B12 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। लेकिन शाकाहारी लोग दूध और डेयरी उत्पाद सामग्री से विटामिन B12 की कमी को दूर कर सकते है।

खमीर विशेषकर फ़ोर्टिफ़ाइड न्यूट्रिशनल यीस्ट, फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ जैसे या दूध, बादाम दूध, ओट्स दूध आदि को अक्सर विटामिन B12 से फोर्टिफाइड किया जाता है। 

कुछ मशरूम में विटामिन B12 होता है जैसे शिटेक मशरूम। 

Fermented rice यानि किण्वित चावल जिसे असम में पोईता भात से जाना जाता है, इसमें भी विटामिन B12 होता है। इसके अलावा 

ओटमील, छाछ, शैवाल यानि Algae में विटामिन B12 होता है।

अगर Non-veg की बात की जाये तो उसमे vitamin B12 प्रशुर मात्रा में पाया जाता है। इसमें से अगर मछली की बात की जाये तो कैटफ़िश, सैल्मन, ट्राउट, सार्डिन, टूना आदि मछली में विटामिन B12 प्रशुर मात्रा में पाया जाता है।


निष्कर्ष

इस लेख में मैने आपको विटामिन क्या है, इसके प्रकार, इसके फायदे और कमी कारण होने वाले नुकसान के साथ ही विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों के बारे में बात की। किसी भी खाद्य पदार्थ का उचित मात्रा में सेवन करना बेहत जरुरी है। मात्रा में कमी या ज्यादा होने से विभिन्न समस्या उत्पन हो सकती है। यह मात्रा उम्र, लिंग, गर्भावस्था, स्तनपान और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के आधार पर बदलती रहती है। एक ही उम्र, एक ही वजन वाले, शारीरिक रूप से एक जैसे दिखने वाले व्यक्ति को भी विटामिन B  Complex की जरूरते अलग अलग हो सकती है और साथ ही एक खाद्य पदार्थ से एक व्यक्ति जितना पोषक तत्वा absorb अर्थात अवशोषित कर सकता है उतना शायद दूसरा व्यक्ति न कर सके। इसलिए उचित यही है की आप नियमित रूप से शारीरिक अनुशीलन करे, दिनभर कुछ न  कुछ activity करे और अपने शारीरिक स्तिति को समझकर अच्छे अच्छे पोषण युक्त चीजों का सेवन करें। विशेषकर अपने क्षेत्र में उत्पन सामग्री के साथ Seasonal food का सेवन अधिक मात्रा में कीजियेगा। इसमें Vegetarian लोग खासकर ध्यान रखियेगा विटामिन B12 को। क्योंकि Vegetarian खाद्य पदार्थों में बेहत कम मात्रा में Vitamin B12 होता है। और शरीर के लिए Vitamin B12 बहुत ही जरुरी है। इसलिए शरीर में विटामिन B12 की कमी होने मत दीजियेगा। 

ध्यान दे: मैं कोई dietitian या खाद्य विशेषज्ञ नहीं हूँ. यह जानकारी केवल और केवल आपको विटामिन B के बारे में सामान्य जानकारी देने के लिए लिखा गया है इसलिए इसे सम्पूर्ण जानकारी और किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह के रूप में न ले। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए आप हमेशा अपने dietitian या डॉक्टर से परामर्श करें।

---> समाप्त <---

Post a Comment

0 Comments